admin Posted December 14, 2018 Share Posted December 14, 2018 सिद्धक्षेत्र/अतिशय क्षेत्र कुण्डलपुर मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र, कुंडलगिरि, कुण्डलपुर ग्राम - कुंडलपुर (दमोह), तहसील-पटेरा, जिला-दमोह (मध्यप्रदेश) पिन-470773 टेलीफोन - 07605 - 272230, 272293, 272647, 08349335356 (प्रबंधक) क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 100, (बिना बाथरूम) - 100 हाल - 3 (यात्री क्षमता - 700), गेस्ट हाउस - 6 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 4000. अन्य - प्रवचन हॉल, विद्या-भवन, ज्ञान साधना केन्द्र भोजनशाला - नियमित, सशुल्क औषधालय - है (2.3 कि.मी.) शासकीय पुस्तकालय - है। विद्यालय - महावीर उदासीन आश्रम एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - दमोह - 38 कि.मी., बम्बई, बनारस, सुरत, दिल्ली से सीधा सम्पर्क बस स्टेण्ड - दमोह - 38 कि.मी., बस एवं टेक्सी उपलब्ध पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर, सागर, छतरपुर, टीकमगढ़, कटनी आदि से दमोह होकर बस द्वारा कुण्डलपुर जाया जा सकता है। निकटतम प्रमुख नगर - दमोह - 38 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दि. जैन सिद्धक्षेत्र कुंडलगिरि सार्वजनिक न्यास, कुण्डलपुर अध्यक्ष - सिंघई संतोषकुमार जैन(07812-222394,09329872043) महामंत्री - श्री वीरेन्द्र बजाज (07812-222348, 094250-95548) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 63 क्षेत्र पर पहाड़ : है (400 सीढ़ियाँ हैं, डोली की व्यवस्था है।) ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र श्रीधर केवली की सिद्धभूमि है। भगवान आदिनाथ 'बड़े बाबा की 15 फुट ऊँची पद्मासन प्रतिमा 5वीं - 6 ठीं सदी की अतिशयकारी भव्यता लिये विराजमान है। आचार्य श्री विद्यासागरजी के 5 चातुर्मास व 7 ग्रीष्मकालीन वाचनाएँ होने से यह क्षेत्र विकसित हुआ है। महाराजा छत्रसाल ने युद्ध विजय करने पर एक पक्का घाट, जीर्णोद्धार कर पीतल का दो मन का घण्टा व अन्य वस्तुएँ भेंट की। कहते हैं यहाँ भगवान महावीर का समवशरण भी आया था। जनश्रुति के अनुसार मोहम्मद गज़नवी ने जब प्रतिमा पर छैनी लगाई तब प्रतिमा से दूध की धारा व भौंरों की पंक्ति प्रकट हुई जिससे उसे वहाँ से भागना पड़ा था। तीनों ओर पर्वत माला है। 63 मंदिर हैं एवं 1 मानस्तंभ है। आचार्य श्री विद्यासागरजी की प्रेरणा से बड़े बाबा के विशाल मंदिर का निर्माण प्रगति पर है। बड़े बाबा के मंदिर तक कार का रास्ता बन चुका है। वार्षिक मेले : माधसुदी 11 से पूर्णिमा तक समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र पपौराजी -194 कि.मी.,नैनागिरि -120 कि.मी.,द्रोणगिरि-147 कि.मी., रहली पटनागंज- बीना बारहा दोनों एक ही मार्ग पर -137 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| Link to comment Share on other sites More sharing options...
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