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श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कुण्डलगिरि (कोनीजी), जबलपुर (मध्यप्रदेश)


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अतिशय क्षेत्र कुण्डलगिरि (कोनीजी) मध्यप्रदेश

नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, कुण्डलगिरि (कोनीजी) ग्राम-कोनीकला, पोस्ट- पाटन, जिला-जबलपुर(मध्यप्रदेश) पिन - 483113

टेलीफोन - 07621 - 294895, 09977460299 (प्रबंधक)

 

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - X, (बिना बाथरूम) - 30  हाल - 6 (यात्री क्षमता - 300), गेस्ट हाउस -X 

यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 500.

भोजनशाला - सशुल्क, अनुरोध पर

औषधालय - नहीं

पुस्तकालय - है, पुस्तके - 3000

विद्यालय - है (शासकीय)

एस.टी.डी./पी.सी.ओ. - है।

 

आवागमन के साधन

रेल्वे स्टेशन - जबलपुर - 40 कि.मी.

बस स्टेण्ड - पाटन - 6.5 कि.मी. मुख्य सड़क (वासन) 1.5 कि.मी.।

पहुँचने का सरलतम मार्ग - जबलपुर-दमोह व्हाया पाटन मार्ग पर मुख्य सड़क से 1.5 कि.मी.  अन्दर क्षेत्र अवस्थित है।

निकटतम प्रमुख नगर - जबलपुर - 36 कि.मी.

 

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री दि. जैन अतिशय क्षेत्र कुन्डलगिरि (कोनीजी) जीर्णोद्धार समिति

अध्यक्ष - श्री सिंघई राजेन्द्र कुमार जैन (एम.डी.),जबलपुर (0761 - 2442917, 099072 68917)

मंत्री - श्री विमलकुमार नायक, पाटन (07621 - 220536)

प्रचार मंत्री - श्री अभिनन्दन सांधेलीय, पाटन (07621 - 220488, मो.: 09425863244)

 

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 10

क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं

ऐतिहासिकता : यहाँ कुल 10 मन्दिर हैं जिनका पूर्णतया जीर्णोद्धार किया गया है। गर्भ मन्दिर अतिशय सम्पन्न है। इस मंदिर में सहस्रकूट चैत्यालय भी है। नंदीश्वर जिनालय भी दर्शनीय है। मूलनायक भगवान विघ्नहर चिंतामणी पारसनाथजी की अतिशयपूर्ण प्रतिमा मनोकामना पूर्ण करने वाली विराजित है। 1982 में आचार्य श्री विद्यासागर जी महाराज के सान्निध्य में म.प्र. में प्रथम त्रिमूर्ति जिनालय का निर्माण हुआ तथा भगवान आदिनाथ, भरत तथा बाहुबली की प्रतिमाओं की प्राण प्रतिष्ठा हुई। प्रतिवर्ष पर्युषण समाप्ति के बाद प्रथम रविवार को वार्षिक मेला लगता है। जनवरी में वार्षिक मेला लगता है।

विशेष जानकारी : यह क्षेत्र विन्ध्यांचल पर्वतमाला के कैमोर भांडेर पहाड़ियों की तलहटी एवं हिरन सरिता के तट पर अवस्थित है।

अन्य दर्शनीय स्थल : विश्व प्रसिद्ध जल-प्रपात, भेड़ाघाट, जहाँ नर्मदा नदी संगमरमर की धवल चट्टानों के बीच प्रवाहित होती है - दूरी 25 कि.मी. है।

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - पनागर -56 कि.मी., कुण्डलपुर -110 कि.मी., पिसनहारी मढ़ियाजी - 40 कि.मी., बहोरीबन्द -67 कि.मी.

पका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

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