Jump to content
फॉलो करें Whatsapp चैनल : बैल आईकॉन भी दबाएँ ×
JainSamaj.World

Recommended Posts

Posted

सिद्ध क्षेत्र द्रोणगिरि मध्यप्रदेश

नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि (लधु सम्मेद शिखर), द्रोणगिरि ग्राम - सेंधपा, तहसील - बिजावर, जिला - छतरपुर (मध्यप्रदेश) पिन - 471311

टेलीफोन - 09754355296 (पवनकुमार जैन - 07049319402), सिद्धायतन (09753456868-पंकज)

 

क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ

आवास - कमरे (अटैच बाथरूम) - 30, कमरे (बिना बाथरूम) - 83  हाल - 3 (यात्री क्षमता - 500), गेस्ट हाउस - 1

यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 1000. संत निवास - 1

भोजनशाला - स:शुल्क, नियमित

अन्य- सिद्धायतन - 42 कमरे अटेच

औषधालय - है (आयुर्वेदिक), नि:शुल्क

पुस्तकालय - है।

विद्यालय - हैं - (उदासीन आश्रम है)

एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है।

 

आवागमन के साधन

रेल्वे स्टेशन - हरपालपुर एवं सागर - 117 कि.मी., झाँसी -175 कि.मी., ललितपुर - 120 कि.मी., दमोह-103 कि.मी., हवाई अड्डा - खजुराहो - 107 कि.मी.

बस स्टेण्ड - बड़ा मलहरा-7 कि.मी., छतरपुर-57 कि.मी., टीकमगढ़- 60 कि.मी.

पहुँचने का सरलतम मार्ग - बड़ा मलहरा से द्रोणगिरि क्षेत्र सड़क मार्ग राष्ट्रीय मार्ग - 86, कानपुर सागर, बड़ा मलहरा से प्रति 30 मिनिट में वाहन उपलब्ध

निकटतम प्रमुख नगर - बड़ा मलहरा -- 7 कि.मी., छतरपुर - 57 कि.मी., धुवारा से 23 कि.मी. पूर्व की ओर

 

प्रबन्ध व्यवस्था

संस्था - श्री दि.जैन सिद्धक्षेत्र द्रोणगिरि प्रबन्ध समिति (लधु सम्मेदशिखर)

अध्यक्ष - श्री कपूरचन्द घुवारा-विधायक (09425880545)

मंत्री - श्री भागचन्द जैन (पीली दुकान) बड़ामलहरा (07689 - 252376, 09425144006)

प्रबन्धक - श्री पवनकुमार जैन (097543-55296)

 

क्षेत्र का महत्व

क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : गुफायें - 3, चरण पादुकाएँ - 5, तलहटी में 4 मंदिर

क्षेत्र पर पहाड़ : है (पर्वतराज पर 32 मंदिर, 255 सीढ़ियाँ हैं)

ऐतिहासिकता : इस क्षेत्र से गुरुदत्त मुनि सहित साढ़े आठ करोड़ मुनियों ने निर्वाण प्राप्त किया है। पर्वत पर जाने के लिये 170 सीढियाँ बनी हुई हैं। पर्वत पर 35 जिनालय व तीन गुफाएँ हैं। पर्वत के पास दो कुण्ड हैं जिनका जल सर्दियों में गर्म तथा गर्मियों में ठण्डा रहता है। इस क्षेत्र के दोनों ओर चदांक्षीव, श्यामरी नामक दो नदियाँ बहती हैं। ग्राम में मूलनायक भगवान आदिनाथ की सं. 1549 की प्रतिष्ठित प्रतिमा है। गुरुदत्त निर्वाण गुफा, कांच मंदिर, चौबीसी मन्दिर, मानस्तम्भ (अति प्राचीन, चतुर्थकालीन) एवं संग्रहालय दर्शनीय हैं।

विशेष जानकारी : यहाँ दि. जैन तीर्थ प्रबन्धन प्रशिक्षण संस्थान संचालित है।

वार्षिक मेले : माघ शुक्ल त्रयोदशी से पूर्णिमा तक। रथ यात्रा माघ शुक्ला पूर्णिमा को। कार्तिक कृष्ण अमावस्या को श्री महावीर स्वामी भगवान का निर्वाण महोत्सव।।

समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र - अहारजी - 58 कि.मी., पपौराजी - 58 कि.मी., नैनागिरि - 88 कि.मी., खजुराहो - 104 कि.मी., डेरा पहाड़ी - 57 कि.मी., सोनागिरि - 225 कि.मी. कुंडलपुर - 147 कि.मी., देवगढ़ - 152 कि.मी.

आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें|

  • Who's Online   0 Members, 0 Anonymous, 6 Guests (See full list)

    • There are no registered users currently online
  • अपना अकाउंट बनाएं : लॉग इन करें

    • कमेंट करने के लिए लोग इन करें 
    • विद्यासागर.गुरु  वेबसाइट पर अकाउंट हैं तो लॉग इन विथ विद्यासागर.गुरु भी कर सकते हैं 
    • फेसबुक से भी लॉग इन किया जा सकता हैं 

     

×
×
  • Create New...