admin Posted December 11, 2018 Share Posted December 11, 2018 अतिशय क्षेत्र बंधाजी मध्यप्रदेश नाम एवं पता - श्री 1008 दिगम्बर जैन अतिशय क्षेत्र, बंधा जी तहसील - जतारा, जिला - टीकमगढ़ (मध्यप्रदेश) पिन - 472 101टेलीफोन - 090983 55530 email : bandhaji1008@yahoo.com क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (अटैच बाथरूम)-25, कमरे (बिना बाथरूम) - 40 हाल - 2 (यात्री क्षमता - 200), गेस्ट हाऊस - X यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 450, संतनिवास कमरे-14 भोजनशाला - निःशुल्क, नियमित औषधालय - है | पुस्तकालय - है। विद्यालय - है (आश्रम प्रस्तावित) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ. - है। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - ललितपुर से वाया टीकमगढ़ वम्हौरी होते हुए बंधाजी-97 कि.मी. बस स्टेण्ड - ललितपुर से वाया वांसी वार मोहनगढ़ होते हुए बंधाजी-60 कि.मी. पहुँचने का सरलतम मार्ग - निजी वाहन से यात्रा सफर निकटतम प्रमुख नगर - टीकमगढ़ - 40 कि.मी., झाँसी से 70 कि.मी. बम्हौरी (बराना) होते हुए। प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री 1008 दि. जैन अतिशय क्षेत्र, बंधा जी, जिला - टीकमगढ़ अध्यक्ष - श्री सुभाषचंद्र जैन, टीकमगढ़ (09993487900) महामंत्री - श्री राजेन्द्रकुमार सिंघई, मोहनगढ़ (09754450968) मंत्री - श्री निर्मलकुमार जैन,बड़माड़ई वाले,टीकमगढ़ (09425880284) प्रबन्धक - श्री रमेशचन्द जैन, (09098355530) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या : 06 एवं एक अद्वितीय मानस्तंभ क्षेत्र पर पहाड़ : नहीं ऐतिहासिकता : यह क्षेत्र 1500 वर्ष प्राचीन है। मुगल काल में धर्मविद्रोहियों ने भगवान अजितनाथ की मूर्ति खण्डित करने का प्रयास किया, तभी विद्रोहीजन देवयोग से जकड़ा गये, तभी से इस क्षेत्र का नाम 'बंधा' विख्यात हुआ। मूल नायक भ. अजितनाथ की मूर्ति अतिशय युक्त है। सन् 1953 में आचार्य श्री महावीरकीर्तिजी ने मूर्ति के जलाभिषेक को सूखे कुएं में डालकर जल से परिपूर्ण किया। सन् 1997 में 3 माह तक पाँच दूध जैसी धारायें देवयोग से बनी। सन् 1998 में दीपावली पर मूर्ति के सामने रखे दीपों में से एक दीप बहुत धमाके की आवाज देकर फटा जिसके टुकड़े मूर्ति को छोड़कर सभी दूर जा गिरे। ऐसे अतिशय आज भी क्षेत्र पर देखने को मिलते हैं। आज भी मनोकामना पूरी होती है। दूर-दूर से यात्री आते हैं। क्षेत्र पर प्रतिवर्ष निरंतर 1000 शांतिनाथ नवग्रह विधान होते हैं तथा विधान केसमय कभी-कभी सभी प्रतिमाओं से जलकीधाराआना शुरू हो जाती है। वार्षिक मेला : चैत सुदी 3 से 5 तक समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र : सोनागिरि-120 कि.मी., करगुवाँजी-70 कि.मी. पपौराजी-45 कि.मी. अहारजी- 65कि.मी., ओरछा - पर्यटक क्षेत्र (झाँसी के निकट)- 57 कि.मी., कुण्डेश्वर (शंकरजी का भव्य मंदिर)-50 कि.मी., पावागिरी - 50 कि.मी., (टीकमगढ़ के निकट) वाया तालबेहट पूराकला अच होते निरंतर बसों से सुविधा आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| Link to comment Share on other sites More sharing options...
Saurabh Jain Posted November 7, 2021 Share Posted November 7, 2021 Link to comment Share on other sites More sharing options...
Saurabh Jain Posted December 29, 2021 Share Posted December 29, 2021 क्षेत्र का चैनल https://youtube.com/channel/UCyiItiWvhF-69Q4G7AgdvuQ Link to comment Share on other sites More sharing options...
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