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JainSamaj.World

About This Club

जैन समाज कुशीनगर

Category

Regional Samaj

Jain Type

Digambar
Shwetambar

Country

Bharat (India)

State

Uttar Pradesh
  1. What's new in this club
  2. सिद्ध क्षेत्र पावानगर नाम एवं पता - श्री दिगम्बर जैन पावानगर सिद्धक्षेत्र (भगवान महावीर निर्वाण भूमि), पावानगर, तहसील - फाज़िलनगर, जिला - कुशीनगर (उत्तरप्रदेश) पिन - 274 401 टेलीफोन - 091985 31463 क्षेत्र पर उपलब्ध सुविधाएँ आवास - कमरे (बिना बाथरूम) - 14, गेस्ट हाऊस - 1 यात्री ठहराने की कुल क्षमता - 100. अन्य - जनरेटर, जलापूर्ति, बिस्तर, बर्तन आदि उपलब्ध भोजनशाला - नहीं। औषधालय - है (ऐलोपेथी) एस.टी.डी./ पी.सी.ओ.- है। विद्यालय - श्री भग.महावीर महा विद्या, की स्थापना, निर्वाणोत्सव पर हुई। आवागमन के साधन रेल्वे स्टेशन - देवरिया - 44 कि.मी., गोरखपुर - 74 कि.मी. बस स्टेण्ड - फाज़िलनगर (पावानगर), मंदिर के पास । पहुँचने का सरलतम मार्ग - गोरखपुर, देवरिया तथा तमकुही से बस एवं टेक्सी उपलब्ध रहती है। निकटतम प्रमुख नगर - देवरिया - 44 कि.मी., गोरखपुर - 74 कि.मी. प्रबन्ध व्यवस्था संस्था - श्री दिगम्बर जैन पावानगर सिद्धक्षेत्र समिति, गोरखपुर अध्यक्ष - श्री पुखराज जैन (0551 - 2503280) मंत्री - डॉ. अभयकुमार जैन (0551 - 2331991) प्रबन्धक - पुजारी प्रशान्त कुमार (091985 31463) क्षेत्र का महत्व क्षेत्र पर मन्दिरों की संख्या - 01 क्षेत्र पर पहाड़ - नहीं - सरकार द्वारा संरक्षित विशाल टीला । ऐतिहासिकता - कुछ लोग ऐतिहासिक तथ्यों एवं भौगोलिक प्रामाणिकता के आधार पर भगवान महावीर का निर्वाण स्थल साठियांवाडीह (पावानगर) जि. कुशीनगर बतलाते हैं। महात्मा बुद्ध ने अपना अन्तिम आहार पावानगर में ही ग्रहण किया। चतुर्थ काल की मुद्राएँ उपलब्ध हैं। विद्वानों एवं मर्मज्ञों (कनिंधम, कार्लाइल) ने उक्त स्थल को प्रमाण सहित भगवान महावीर निर्वाण भूमि के रूप में मान्यता दी है। विशेष जानकारी - वर्ष 1994-95 में उत्तरप्रदेश सरकार ने दिगम्बर जैन समाज को पर्यटन स्थल पर जल मन्दिर निर्माण का दायित्व दिया है, जो कि 85 फीट x 85 फीट का षट्कोणीय होगा। वार्षिक मेला - कार्तिक कृष्ण अमावस्या से कार्तिक शुक्ल एकम् तक। समीपवर्ती तीर्थक्षेत्र कुकुभग्राम (कहाऊँ) भगवान पुष्पदन्त की दीक्षा कल्याणक भूमि - दक्षिण-पश्चिम । दिशा-78 कि.मी., काकन्दीजी (खुखुन्दू) भगवान पुष्पदंत के गर्भ एवं जन्म, कल्याणक भूमि दक्षिण दिशा - 61 कि.मी., कुशीनगर भगवान बुद्ध की निर्वाण भूमि - 18 कि.मी. आपका सहयोग : जय जिनेन्द्र बन्धुओं, यदि आपके पास इस क्षेत्र के सम्बन्ध में ऊपर दी हुई जानकारी के अतिरिक्त अन्य जानकारी है जैसे गूगल नक्षा एवं फोटो इत्यादि तो कृपया आप उसे नीचे कमेंट बॉक्स में लिखें| यदि आप इस क्षेत्र पर गए है तो अपने अनुभव भी लिखें| ताकि सभी लाभ प्राप्त कर सकें| 
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