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शब्द एवं शब्द रूपावली - पाठ 2


Sneh Jain

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1. शब्द 

पुल्लिंग संज्ञा शब्द

(क) अकारान्त -

अक्ख

प्राण

अक्खय अखंड अक्षत
अग्घ

अर्घ

अणंग कामदेव
अणुबन्ध

सम्बन्ध

अपय मुक्त आत्मा
अमर

देव

अमरिस क्रोध
अवमाण

अपमान

अवराह अपराध
अहिसेअ

अभिषेक

आएस आदेश
आयार

आचार

आयास तकलीफ
आलाव

संभाषण

आवण दुकान
उद्देस

उपदेश

कंत पति
कंचण

स्वर्ण 

कडप्प समूह
कण्ण

कान

कणय बाण
कफाड

गुफा

कर सूंड
कर

हाथ

मेट्ठ महावत
वज्ज

हीरा

विसाअ शोक
सवण

कान

सुहि मित्र
सेहर

फूलों का गजरा

काम सुन्दर
कुंत

भाला

खंध कंधा
जलण

आग

जस कीर्ति
जोह

सुभट

णाअ नीति
णिलअ

आवास

णेह प्रेम
तास

भय

तुरंग घोडा
दल

टुकड़ा

दाण दान
पंथ

रास्ता

पंचेस काम
पओग

आचार-विचार

पडह ढोल
पणय

प्रेम

परिहव पराभव
पसर

प्रभात

फेण झाग
बुहयण

विद्वान

मऊह शिखा
करह

ऊँट

कुक्कुर कुत्ता
गंथ 

पुस्तक

जणेर बाप
पुत्त

पुत्र

पोत्त पोता
घर

मकान

माउल मामा
पिआमह

दादा

ससुर ससुर
दिअर

देवर

णर मनुष्य
परमेसर

परमेश्वर

रहुणन्दन राम
वय

व्रत

आगम शास्त्र
सप्प

साँप

भव संसार
कूव

कुआ

मेह मेघ
रयण

रत्न

सायर समुद्र
राय

नरेश

नरिंद राजा
बालअ

बालक

दुज्जस अपयश
हणुवन्त

हनुमान

गव्व गर्व
हुअवह

अग्नि

मारूअ पवन
पड

वस्त्र

कयंत मृत्यु
दिवायर

सूर्य

रक्खस राक्षस
सीह

सिंह

दुक्ख दुःख
बप्प

पिता

गाम गाँव
सलिल

पानी

मग्ग मार्ग
कुंभ

कलश

   

 

(ख) इकारांत / ईकारान्त

सामि

मालिक

रहुवइ

रघुपति

कइ कवि

करि

हाथी

मुणि

मुनि

जोगि योगी

पइ

पति ससि चन्द्रमा
हत्थि

हाथी

पाणि प्राणी
भाइ

भाई

केसरि सिंह
गिरि

पर्वत

रिसि मुनि
जइ

यति

तपस्सि तपस्वी
नरवइ

राजा

सेणावइ सेनापति
अरि

शत्रु

मंति मंत्री
विहि

विधि

अहिवइ अधिपति
सुहि

मित्र

अलि भ्रमर
असि

खड्ग

कइ वानर
गामणी

गाँव का मुखिया

   

 

(ग) उकारान्त / ऊकारान्त

जंतु

प्राणी 

बिन्दु

बिन्दू

मच्चु

मृत्यु सत्तु शत्रु
रिउ

दुश्मन

सूणु पुत्र
गुरु

गुरु

धणु धनु
तरु

पेड़

करेणु हाथी
तेउ

तेज

पहु प्रभु
पिउ

पिता

फरसु कुल्हाड़ा
रहु

रघु

विज्जु बिजली
साहु

साधु

वाउ वायु
जामाउ

दामाद

जंबु जामुन
मेरु

पर्वत विशेष

सयंभू स्वयंभू
खलपू

खलियान को साफ करने वाला

इंदु

चंद्रमा

 

उपरोक्त संज्ञा शब्दों में अकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के रूप 'देव', इकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के रूप ‘हरि', ईकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के रूप ‘गामणी' उकारान्त पुल्लिंग शब्दों के रूप ‘साहु' तथा ऊकारान्त पुल्लिंग संज्ञा शब्दों के रूप ‘सयंभू' के समान चलेंगे।

 

नपुंसकलिंग संज्ञा शब्द

(क) अकारान्त

अंतेउर

रनिवास अत्थाण सभाभवन

अमिय

अमृत अरविंद कमल

अलिअ

झूठ असुह अशुभ

आरोय

निरोगता उज्जाण उद्यान

उप्पल

कमल कंचण स्वर्ण

कज्ज

प्रयोजन कज्जल काजल

घुषिण

चंदन चच्चर चौराहा

चलण

प्रथा चिंध ध्वजा

दल

पत्ता दाण दान

दुरिय

पाप धम्म धर्म

पजक्ख

प्रत्यक्ष पहरण अस्त्र

पाव

पाप पुण्ण पुण्य

पुलिन

किनारा मउड मुकुट

लंघण

अतिक्रमण विमाण विमान

सासण

शासन पत्त कागज

सोक्ख

सुख रज्ज राज्य

पोट्टल

गठरी णह आकाश

सील

सदाचार णयरजण नागरिक

खीर

दूध छिक्क छींक

लक्कुड

लकड़ी उदग जल

गाण

गीत भय भय

वेरग्ग

वैराग्य सच्च सत्य

रत्त

रक्त मरण मरण

खेत्त

खेत धन्न  धान

धण

धन मज्ज मद्य

वसण

व्यसन जुअ जुआ

असण

भोजन तिण घास

वण

जंगल वत्थ वस्त्र

कट्ठ

काठ भोयण भोजन

घय

घी सिर मस्तक

सुत्त

धागा सुह सुख

रिण

कर्ज बीअ बीज

जीवण

जीवन रूव रूप

कम्म

कर्म जोव्वण यौवन

णाण

ज्ञान मण मन

लक्खण

वस्तु स्वरूप लग्गण आधार

 

(ख) इकारान्त -

दहि

दही अच्छि आँख

रवि

सूर्य अट्ठि हड्डी

वारि

जल    

 

(ग) उकारान्त -

महु

मधु अंसु आँसू

वत्थु

पदार्थ आउ आयु

जाणु

घुटना    

 

उपरोक्त संज्ञा शब्दों में अकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के रूप 'कमल', इकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के रूप ‘वारि' तथा उकारान्त नपुंसकलिंग शब्दों के रूप ‘महु के अनुसार चलेंगे।

 

स्त्रीलिंग संज्ञा शब्द

(क) आकारान्त -

अंबा

माँ अट्ठाहिया अष्टान्हिका

परिक्खा

परीक्षा सीया सीता

सुया

पुत्री माला समूह

ससा

बहिन माया माता

वाया

वाणी आणा आज्ञा

कमला

लक्ष्मी करुणा दया

गंगा

गंगा जरा बुढ़ापा

तणया

पुत्री णम्मया नर्मदा

कहा

कथा जउणा यमुना

जाआ

पत्नी सद्धा श्रद्धा

मेहा

बुद्धि संझा सायंकाल

भुक्खा

भूख कन्ना कन्या

गुह

गुफा झुंपड़ा झोंपड़ी

कलसिया

छोटा घड़ा णिद्दा नींद

पइट्ठा

प्रतिष्ठा पसंसा प्रशंसा

सिक्खा

शिक्षा सोहा शोभा

मइरा

मदिरा सरिआ सरिता

अहिलासा

अभिलाषा गड्डा खड्डा

धूआ

बेटी नणन्दा नणद

महिला

स्त्री पण्णा प्रज्ञा

तिसा

प्यास तण्हा तृष्णा

निसा

रात्रि वत्ता बात

जीहा

जीभ पइज्जा संकल्प

पडाया

ध्वजा    

 

(ख) इकारान्त / ईकारान्त -

भत्ति

भक्ति मणि रत्न

तत्ति

तृप्ति रत्ति रात

धिइ

धैर्य थुइ स्तुति

अवहि

समय-सीमा आँखि आँख

उत्पत्ति

जन्म पिहिमि धरती

रिद्धि

वैभव जुवइ युवती

सत्ति

बल अप्पलद्धि आत्मलाभ

आगि

आग मइ मति

सामिणि

स्वामिनी जणेरी माता

डाइणी 

चुडैल बहिणी बहिन

पुत्ती

पुत्री माउसी मौसी

णारी

नारी इत्थी स्त्री

लच्छी

लक्ष्मी महेली महिला

समणी

श्रमणी पिआमही दादी

परमेसरी

ऐश्वर्य, सम्पन्न स्त्री णागरी नगर में रहनेवाली स्त्री

साडी

साड़ी संति शान्ति

अरइ

पीड़ा कित्ति कीर्ति

णिव्वुइ

शान्ति मित्ति परिमाण

णलिणि

कमलिनी रइ प्रीति

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

(ग) उकारान्त / ऊकारान्त -

धेणु

गाय चंचु चोंच

सस्सु

सासू हणु ठोढ़ी

तणु

शरीर रज्जु रस्सी

कण्डू

खाज खज्जु खुजली

सासू

सासू बहु बहू

चमू

सैन्य कडच्छी कर्छी चमची

जंबू

जामुन का पेड़    

 

उपरोक्त संज्ञा शब्दों में आकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप ‘कहा', इकारान्त स्त्रीलिंग के रूप मइ', 'ईकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप के रूप ‘लच्छी’, उकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप ‘धेणु' तथा ऊकारान्त स्त्रीलिंग शब्दों के रूप 'बहू' के समान चलेंगे।

 

सर्वनाम शब्द -

अम्ह (पु., नपु., स्त्री) = मैं

तुम्ह (पु., नपु. स्त्री) = तुम

त (पु.) = वह  

त (नपु.) = वह

ता (स्त्री.) = वह

ज (पु, नपु.) = जो 

एत (पु. नपु.) = यह

जा (स्त्री) = जो

एता (स्त्री) = यह

क (पु. नपु.) = कौन

इम (पु. नपु.) = यह

का (स्त्री) = कौन

इमा (स्त्री) = यह

आय ( पु. नपु.) = यह

कवण (पु. नपु.) = कौन, क्या, कौनसा

आया (स्त्री) = यह

कवणा ( स्त्री) = कौन, क्या, कौनसा

काइं ( पु., नपु., स्त्री) = कौन, क्या, कौनसा  

( उपरोक्त संज्ञा व सर्वनाम शब्दों की रूपावली आगे दी जा रही है। )

 

क्रियाएँ

अकर्मक क्रियाएँ -

हस

हँसना सय सोना

णच्च

नाचना रूस रूसना

लुक्क

छिपना जग्ग जागना

जीव

जीना लज्ज शरमाना

थंभ

रुकना रुव रोना

भिड

भिड़ना डर डरना

उच्छल

उछलना थक्क थकना

कंप

काँपना अच्छ बैठना

उज्जम

प्रयास करना उल्लस खुश होना

मर

मरना पड गिरना

उट्ठ

उठना तडफड छटपटाना

घुम

घूमना खेल खेलना

कुल्ल

कूदना जुज्झ लड़ना

मुच्छ

मूर्छित होना गल गलना

कलह

कलह करना खय नष्ट होना

जल

जलना लुढ लुढकना

हो

होना हु होना

उपज्ज

उत्पन्न होना वल मुडना

जर

बूढ़ा होना गज्ज गर्जना

उग

उगना उड्ड उडना

नस्स

नष्ट होना णिज्झर झरना

सोह

शोभना सुक्क सूखना

पसर

फैलना डुल डुलना

दुक्ख

दुखना पला भागना

बइस

बैठना बुक्क भौंकना

तुट्ट

टूटना कंद रोना

हरिस

प्रसन्न होना वड्ढ बढ़ना

विअस

खिलना लोट्ट सोना, लोटना

चुअ

टपकना कुद्द कूदना

जम्म

जन्म लेना जगड झगड़ना

जागर

जागना विज्ज उपस्थित होना

खिज्ज

अफसोस करना चिट्ठ ठहरना, बैठना

छुट्ट

छूटना हव होना

रम

रमना चेट्ठ प्रयत्न करना

गुंज

गूंजना सिज्झ सिद्ध होना

जल

जलना उच्छह उत्साहित होना

चुक्क

भूल करना लोभ लालच करना

कील

क्रीड़ा करना कील कीलना(मंत्रादि से)

घट

कम होना, घटना चिराव देर करना

तव

तपना वस बसना

फुर

प्रकट होना छिज्ज छीजना

खुम्भ

भूख लगना खास खाँसना

गडयड

गिड़गिड़ाना बिह डरना

उवसम

शान्त होना ल्हस प्रकट होना

लुंच

बाल उखाड़ना वम वमन करना

उस्सस

साँस लेना लग्ग लगना

उवविस

बैठना ऊतर उतरना

ठा

ठहरना णहा नहाना

अब्भिट्ट

भिड़ना उत्तस भयभीत होना

कव

आवाज करना णिअत्त रुकना

णिमिस

पलक झपकना णिवड नीचे गिरना

 

सकर्मक क्रियाएँ -

रक्ख

रक्षा करना पाल पालना

सुण

सुनना चर चरना

पणम

प्रणाम करना जाण जानना

खा

खाना अच्च पूजा करना

रोक्क

रोकना उग्घाड खोलना

उपकर

उपकार करना उप्पाड उपाड़ना

कट्ट

काटना कलंक कलंकित करना

कुट्ट

कूटना कोक बुलाना

खण

खोदना छोड छोड़ना

छोल्ल

छीलना जिम जीमना

ढक्क

ढकना तोड तोड़ना

गरह

निन्दा करना गवेस खोज करना

घाल

डालना चक्ख चखना

चप्प

चबाना चिण चुनना

चोप्पड

स्निग्ध करना छंड छोड़ना

छल

ठगना छुअ स्पर्श करना

देख

देखना धो धोना

पीस

पीसना पुक्कर पुकारना

तोड

तोड़ना फाड फाडना

कीण

खरीदना लभ प्राप्त करना

झाअ

ध्यान करना खम क्षमा करना

पिब

पीना गण गिनना

पेच्छ

देखना धार धारण करना

पेस

भेजना बंध बांधना

इच्छ

चाहना  गच्छ जाना

पढ

पढ़ना भण कहना

मुण

जानना नम नमस्कार करना

जेम

जीमना खाद खाना

लिह

लिखना हण मारना

पीड

पीड़ा देना कर करना

चव

बोलना निसुण सुनना

चुअ

त्याग करना लड्ड लाड करना

वण्ण

वर्णन करना सेव सेवा करना

डंक

डसना बखाण व्याख्यान करना

भुल

भूलना सुमर स्मरण करना

रंग

रंगना ठेल्ल ठेलना

ढोय

ढोना चोर चुराना

ओढ

ओढ़ना ले लेना

वह

धारण करना विण्णव कहना

मइल

मैला करना दा देना

सिंच

सींचना थुण स्तुति करना

चिंत

चिंता करना मग्ग मांगना

जण

उत्पन्न करना हिंस हिंसा करना

अस

खाना मार मारना

गा

गाना वद्धाव बधाई देना

अच्च

पूजा करना वज्ज जाना

या

जाना आगच्छ आना

धाव

दौड़ना चुस्स चूसना

लिह

चाटना गाअ गाना

खम

क्षमा करना खिव फैकना

रच

बनाना खंड टुकड़ा करना

गुंथ

गूंथना आवड अच्छा लगना

दह

जलाना सीख सीखना

वंद

प्रणाम करना वंछ चाहना

बुज्झ

समझना खिंस निन्दा करना

जिंघ

सूँघना जिण जीतना

जोअ

प्रकाशित करना माण सम्मान करना

पाव

पाना रक्ख रखना

णिरक्ख

देखना भुंज खाना

कीण

खरीदना अक्ख कहना

अवलोय

देखना अवहर अपहरण करना

कह

कहना असहास संभाषण करना

उच्छोल

उन्मूलन करना उज्जोय प्रकाशित करना

उद्धर

ऊपर उठाना उवहस हँसी करना

कयत्थ 

पीडित करना णिब्भच्छ अपमान करना

णिवेस

स्थापना करना णिहाल देखना

तड

फैलाना थव स्थापित करना

दल

टुकड़े-टुकडे करना धाड बाहर निकालना

भज्ज

भागना मंड सजाना

मंत

परामर्श करना विहड खण्डित करना

साह

सिद्ध करना बोल्ल बोलना

 

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