पाठ- 2 - अपभ्रंश भाषा की व्याकरणिक इकाइयाँ
पाठ- 2
अपभ्रंश भाषा की व्याकरणिक इकाइयाँ
वर्ण (Alphabets) :-
1. स्वर (vowels) - जिन अक्षरों के उच्चारण के लिए अन्य वर्णों की सहायता नहीं चाहिए होती | अपभ्रंश में स्वर 8 होते हैं -
अ , आ , इ , ई , उ , ऊ, ए , ओ |
2. व्यंजन (consonants)- जिनके उच्चारण में की सहायता लेनी पड़ती है |
क, ख, ग, घ
च , छ, ज, झ
ट , ठ , ड , ढ , ण
त , थ , द , ध , न
प , फ, ब , भ , म
य , र, ल , व
स , ह
अनुस्वार- बिंदी लगाईं जाती है वो अनुस्वार होता है - ां | जैसे - अंग
अनुनासिक- चंद्र बिंदु अनुनासिक है - ाँ | जैसे - चाँद
शब्द -
- संज्ञा (Nouns)
- सर्वनाम (Pronouns)
- विशेषण (Adjectives)
- क्रिया (verbs)
- अव्यय
- कारक
संज्ञा- किसी वस्तु, व्यक्ति, जाति,भाव, स्थान के नाम को संज्ञा कहते हैं | जैसे राम, रुक्ख (वृक्ष) आदि |
संज्ञा शब्दों के अपभ्रंश में तीन लिंग ( Gender) होते हैं-
1.पुल्लिंग
2.नपुंसकलिंग
3.स्त्रीलिंग
सर्वनाम- संज्ञा के स्थान पर जिन शब्दों का प्रयोग होता है वे सर्वनाम होते हैं | जैसे- मैं, तुम, यह, वह आदि |
पुरुष | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
उत्तम पुरुष |
( मैं ) हउं |
(हम सब) अम्हे |
मध्यम पुरुष | (तुम) तुहुं | (तुम सब) तुम्हइं |
अन्य पुरुष |
वह - सो ( पुल्लिंग) , सा (स्त्रीलिंग) आदि | |
वे सब ते ( पुल्लिंग) ता ( स्त्रीलिंग) आदि | |
विशेषण - जो शब्द संज्ञा या सर्वनाम की विशेषता बताते हैं | जैसे- सुंदर ,थिर (स्थिर) आदि |
क्रिया - जिन शब्दों से किसी कार्य का होना या करना प्रकट हो | जैसे - हस ( हँसना ), सय ( सोना), ठा (ठहरना) |
अव्यय - जो शब्द सभी लिंग, वचन, कारक में सामान रहें परिवर्तन नहीं होता | जैसे- सया ( सदा, हमेशा), णहि ( नहीं), वि (भी )|
काल - क्रिया के जिस रूप में क्रिया के होने का पता चले उसे काल कहते हैं |
अपभ्रंश में 4 काल हैं -
- वर्तमान काल- क्रिया का वह रूप जिससे पता चले कि कार्य अभी हुआ है | जैसे- सोता है, जागता है आदि |
- विधि एवं आज्ञा काल - जब किसी कार्य के लिए प्रार्थना की जाती है, तथा आदेश एवं उपदेश दिया जाता है तो इन भावों को प्रकट करने के लिए विधि एवं आज्ञा काल की क्रिया का रूप प्रयोग में लाया जाता है |
- भविष्य काल- क्रिया का वह रूप जिससे पता चले कि कार्य भविष्य में होगा| जैसे- जाऊँगा, खायेगा आदि |
- भूत काल - क्रिया का वह रूप जिससे पता चले कि कार्य पहले हुआ था | जैसे- नाचता था , जाता था आदि |
कारक - जो शब्द संज्ञा एवं सर्वनाम का अन्य शब्दों से सम्बन्ध बताएं वो कारक कहलाते हैं |
अपभ्रंश में 8 कारक होते हैं-
1. कर्ता 2. कर्म 3. करण 4. सम्प्रदान 5.अपादान 6. सम्बन्ध 7. अधिकरण 8.सम्बोधन |
कारक को विभक्तियों के माध्यम से पहचाना जाता है -
कारक | एकवचन | बहुवचन |
---|---|---|
कर्ता | राजा ने | राजाओं ने |
कर्म | राजा को | राजाओं को |
करण | राजा से / के द्वारा | राजाओं से / के द्वारा |
सम्प्रदान | राजा के लिए | राजाओं के लिए |
अपादान | राजा से (अलग) | राजाओं से (अलग) |
सम्बन्ध | राजा का/ के/ की | राजाओं का / के/ की |
अधिकरण | राजा में,पर | राजाओं में,पर |
सम्बोधन | हे राजा | हे राजाओं |
अपभ्रंश में सम्प्रदान कारक (चौथी विभक्ति),सम्बन्ध कारक ( छठी विभक्ति) के सामान रूप होते हैं |
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