जिन प्रभाव की महिमा - अमृत माँ जिनवाणी से - २२
? अमृत माँ जिनवाणी से - २२ ?
"जिन प्रभाव की महिमा"
एक बार लेखक ने पूज्य आचार्यश्री शान्तिसागर जी महाराज से पूंछा -
महाराज जिनेन्द्र भगवान का नाम, भाव को बिना समझे भी जपने से क्या जीव के दुःख दूर होते हैं?यदि जिनेन्द्र गुण स्मरण से कष्टो का निवारण होता है, तो इसका क्या कारण है?
आचार्य महाराज ने उत्तर दिया -
जिस प्रकार अग्नि के आने से नवनीत द्रवीभूत हो जाता है, उसी प्रकार वीतराग भगवान के नाम के प्रभाव से संकटो का समुदाय भी दूर होता है।जिनेन्द्र भगवान एक प्रकार से अग्नि हैं, क्योंकि उनके द्वारा कर्मो का दाह किया जाता है।
इस प्रकार अज्ञानी प्राणी भी णमोकार मंत्र के जप द्वारा कल्याण को प्राप्त करता है।
सुभग नाम के गोपाल ने 'णमोकार मंत्र' की जाप मात्र से सुदर्शन सेठ के रूप में जन्म धारण कर मोक्ष प्राप्त किया। इस प्रकार वीतराग भगवान के नाम में भी अचिन्त्य व् अपार शक्ति है।
? स्वाध्याय चारित्र चक्रवर्ती ग्रन्थ का ?
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