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JainSamaj.World
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About this blog

To motivate and spread the awareness for joining Jain Pathshala, I've been circulating a small write up to boost the energy and excitement to join the Pathshala. Thought to share this for others use as well.

Entries in this blog

सदाचरण के लिए सार्थक कदम Perfect step towards good conduct

जीवन में हम सफल हो या ना हो परंतु मनुष्य जीवन पाने के बाद भी यदि हमारा आचरण मनुष्य जैसा ना हो तो इससे बड़ी विफलता और कोई नहीं हो सकती है । पाठशाला में आने से हमें हमारे आचरण में निखार की संभावना दिखाई देती हैं जो कि भविष्य सुधारने के लिए सार्थक कदम सिद्ध हो सकता है ।

Sachin2.Jain

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पाठशाला संस्कार गड़ने की टकसाल मुनि श्री प्रमाणसागरजी Pathshala, a place of minting Sacraments

आज के भौतिकवादी युग में हम स्वयं में एवम् अपनी आने वाली पीढ़ी में संस्कारो का अभाव पाते हैं, इसका मुख्य कारण जीवन में धर्म से विमुखता हैं। पाठशाला आपको धर्म के सम्मुख आने का अवसर प्रदान करती है, आप धर्म के सिद्धांतो को समझकर आपकी भूमिका अनुसार उन्हें अमल मे ला सकते हैं, जिससे आप और आपका परिवार सुसंस्कारों से सुशोभित रहे।  

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वास्तविक ज्ञान वही है जो परिणामों को निर्मल करे - मुनि श्री क्षमासागरजी Real knowledge is what refines the Emotions

वास्तविक ज्ञान वही है जो हमारे परिणामों में  निर्मलता लावे, राग द्वेष को घटाए और प्राणी मात्र के प्रति हमारे मन में सद्भावना उत्पन्न करे। पाठशाला के माध्यम से हम धर्म के इस पहलू से अवगत होकर अपने ज्ञान को सही दिशा दे सकते हैं, और उस ज्ञान से हमारे जीवन में आमूलचूल परिवर्तन कर सकते हैं।

Sachin2.Jain

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मनुष्य जीवन एक अवसर है । Human life is an opportunity

हमें मनुष्य जीवन बहुत दुर्लभता से प्राप्त हुआ है । हम यह अवसर सदुपयोग करके सफल भी बना सकते हैं या फिर इसे व्यर्थ के कामों में लगाकर गंवा भी सकते हैं । तो आइए और इस नववर्ष में निश्चित करे कि पाठशाला के माध्यम से हम तत्व चिंतन के द्वारा हमारे जीवन के लिए क्या हेय हैं एवम् क्या उपादेय हैं, की जानकारी प्राप्त करके, हमारी दृष्टि को निर्मल बना कर, हमारे जीवन को सार्थक बनाएंगे।

Sachin2.Jain

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ज्ञान वहीं श्रेष्ठ हैं जो वैराग्य से समन्वित हो - मुनि श्री क्षमासागरजी Knowledge which is integrated with Reclusion is best.

विषय कषायों का पोषण करने वाला ज्ञान कभी हमारे जीवन का उत्थान करने वाला नहीं हो सकता। पाठशाला के माध्यम से हम उस ज्ञान को प्राप्त कर सकते हैं जो वैराग्य से समन्वित हो और हमें संयमित जीवन जीने की ओर अग्रसित होने की प्रेरणा दे।

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इच्छा निरोधस्या तप: । तपसा निर्जरा च । Controlling your feelings result into Karm Nirjara.

जैसा कि हमारे आगम में बताया गया है कि इच्छाओं को रोकना ही तप हैं एवं तप से ही कर्मो की निर्जरा होती हैं।  आप सभी जब ऐसी ठंड में शीतलहर की वेदना को दरकिनार करते हुए पाठशाला आने का उपक्रम करते हैं एवं मंदिर के प्रांगण में बड़े उत्साह से धर्म चर्चा करते हैं, तो मानके चलिए आप तप कर रहे हैं, क्योंकि आपने अपनी इन्द्रियों पर विजय पाई हैं । अतः पाठशाला आना आपके कर्मो की निर्जरा करने का साधन स्वयमेव ही बन जाता है ।

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जीवन का लक्ष्य - अपनी चेतना व गुणों का विकास करना Motto of life - To develop positive attributes in soul

धर्म सिर्फ क्रिया नहीं है अपितु जीवन जीने की कला हैं, जब हम इस तथ्य को स्वीकार कर लेते हैं, तब हमारी कषाय एवं राग द्वेष के भाव अापो आप कम होने लगते है। पाठशाला के माध्यम से हम धर्म के इस पहलू से भी अवगत होकर अपनी चेतना व गुणों का क्रमिक रूप से उत्थान कर सकते हैं ।

Sachin2.Jain

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संस्कार है तो सब कुछ है । Having right Sacraments means owning everything

जीवन में हम बहुत कुछ पाना चाहते हैं और पुण्योदय से प्राप्त करने में भी सफल हो जाते हैं, परंतु यदि हमारे पास संस्कार नहीं हो तो वह सब प्रापत्य भी अप्रापत्य की भांति हैं । पाठशाला में आने से सही समय पर अच्छे संस्कारों का बीजारोपण हो जाता है, जो जीवन में किसी भी उपलब्धि को प्राप्त करने पर बहुत काम आता है।

Sachin2.Jain

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अध्यात्म की ओर बढ़ते कदम Steps towards spirituality

पाठशाला के माध्यम से हम धर्म के सिद्धांतो को समझने का प्रयास करते हैं। हमारा यही प्रयास हमारे सम्यक श्रृद्धान को मजबूती देने में सहायक होता है और हम एक एक कदम अध्यात्म की और झुकते चले जाते हैं, जिससे हमारे जीवन को रचनात्मक दिशा मिलती चली जाती हैं।

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जीवन के सकारात्मक परिवर्तन के लिए To transform life in a positive manner

धर्म के सिद्धांतो को पढने से हम पांडित्य को प्राप्त कर पाए या ना कर पाए परंतु धर्म के सम्मुख आने से एवम् उसको समझ कर हम अपने जीवन में आमूल चुल परिवर्तन जरूर कर सकते हैं । पाठशाला आपको यह अवसर प्रदान करती हैं तो आए और अपने जीवन को सकारातमक दिशा प्रदान करे ।

Sachin2.Jain

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